Wednesday 31 August 2011

तूँ है तो सब कुछ है दाता






तूँ है तो जग में सब कुछ है |
बिन तेरे जहाँ में नहीं कुछ है ||
तूँ साथ है तो सुख ही सुख है |
बिन तेरे जीना ही दुःख है ||


तेरे चरणों में मौज बहारें हैं |
चरणों से दूर तो गुहारें हैं ||
शरण तेरी में मिली पनाहें हैं |
बिन तेरे सूनी मेरी राहें हैं ||


मिलन में तेरे हर्ष - उलास है |
जुदाई तेरी करती उदास है ||
दिल में मेरे तेरी ही आस है |
अंतर की बुझती न प्यास है ||


दासी हर दम तुझको पुकारे |
आ जाओ अब प्रीतम प्यारे ||
विनय ये सुन लो नाथ हमारे |
हम तो हैं इक तेरे सहारे ||


तुझसे ओ दिलबर हर बात कही है |
विरह की पीड़ा, अब न जाए सही है ||
तेरी ही लग्न इस दिल में लगी है |
किरपा हो तेरी, यह आस जगी है ||


सदा के लिए प्रभु कब आओगे ?
अमर प्रेम दाता कब लाओगे ?
रंग अपने में मुझे रंगआओगे |
आकर कभी न फिर जाओगे ||



PURIFY

MIND is purified through BHAJAN ABHYAAS.
INTELLECT is purified through KNOWLEDGE.
EMOTIONS are purified through BHAJANS.
ACTIONS are purified through SEVA.
MONEY is purified through CHARITY.

Monday 22 August 2011

तेरे और करीब आयेंगे By Hari Malhotra



कुछ तो बदल गये हैं , कुछ और बदल जायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||

वैसे तो बडा मुश्किल है, बदलना आदत-ए-इन्सान |
कोशिश यही है एक दिन, कर के इसे दिखायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||

तमन्नाये तो बहुत सी, कर लेता है हर कोई |
न हो अगर जो रहबर, तो पूरी न कर पायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||

है दासता गुरु की, इस दास को पसंद |
प्रसन्नता प्रभु की, कभी तो पा जायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||


तुझे पाने की ख्वाहिश करते हैं हजारों |
हम तेरे हो चुके हैं, तुझे अपना अब बनायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||

भव से निकलने के लिये, जो बख्शे है नियम पांच |
निभा लिया जो दिल से, तो पार पहुंच जायेंगे |
तेरे और करीब आयेंगे ||

गुरु चरणो में ख़ुशी है, बस यही तो जिंदगी है |
सेवा में सतगुरु की, इन स्वासों को लगायेंगे |
तेरे और करीब आएंगे ||
तेरे और करीब आएंगे ||

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Thursday 18 August 2011

PREM KAISA HOTA HAI ?

Premi ko jab SATGURU JI se prem hua toh premi ne pyaare SATGURU JI se pucha -" prem kaisa hota hai?"

SATGURU JI ne premi se kaha-" jo premi humko dil se prem karta hai aur SATGURU JI ke banaye huye 5 niyamon ki paalna karta hai usi ko prem hota hai,aur usi ko saccha premi kehte hain."
JAI SACCHIDANANDA JI.....

Wednesday 10 August 2011

राहुल के दोहे


बड़े भाग मानुस तन पाया  | प्रभु मिलन का मोका आया |
         चुक ना जाये इस बार कही | यही संतो ने है फरमाया ||
कल था कही आज यहाँ हूँ | कल रहूँगा कही और |
              यह प्रभु मिलन कि बरिया | कह राहुल कर गौर ||
संत मिलये तो जानिए  - धर्म, काम, अर्थ, मोक्ष |
              सतगुरु मिलये तो पाईये - मिटे जनम मरण दोष ||
बिन बोलिया रब सब जान्दा | वो भक्तां नु पहचानता |
         जाके हिरदे सतगुरु बसे | सोही भेद जान मोजा मारता ||
सतगुरु मिलये तो भूख प्यास - सब कुछ भूल जाये |
            हरपल सतगुरु ध्यान में - सतगुरु में ही रहा समाये ||
                     कह राहुल ये तन दुर्लभ | होए न बारम्बार |
                      यही वक्त यही वेला | समय से लेत सवार ||
हरी भक्ति बिन जिव जगत में - जाने पसु समाना |
                 जैसे बिन फल के पोधा - जाये है व्यर्थ उगाना ||

Wednesday 3 August 2011

आज का शुभ विचार

सेवा ऐसी चीज़ है जितनी करो उतनी कम है |

सिमरन ध्यान में जितना डुबो उतना कम है |

सतगुरु दर्शन जितना कर लो उतना कम है |

रिश्ता सतगुरु जी से जितना निभालो उतना कम है |

और  सतगुरु जी की महिमा जितनी गा लो उतनी कम है |